शारीरिक शिक्षा स्वास्थ्य अनुदेशक आरक्षण और एस टीइटी 2019 मुद्दे के जनहित याचिका में हुई बड़ी सुनवाई बड़ा आदेश नोटिफिकेशन के साथ खिलवाड़ पर शिक्षा विभाग को बड़ी फटकार शरीरिक शिक्षा स्वास्थ्य अनुदेशक पिछड़ा और अति पिछड़ा पुरुष वर्ग 45 प्रतिशत पर उत्तीर्ण करने का आदेश

 शारीरिक शिक्षा स्वास्थ्य अनुदेशक आरक्षण और एस टीइटी 2019 मुद्दे के जनहित याचिका में हुई बड़ी सुनवाई बड़ा आदेश नोटिफिकेशन के साथ खिलवाड़ पर शिक्षा विभाग को  बड़ी फटकार शरीरिक शिक्षा स्वास्थ्य अनुदेशक पिछड़ा और अति पिछड़ा पुरुष वर्ग 45 प्रतिशत पर उत्तीर्ण करने का आदेश


पटना हाई कोर्ट में आज शारीरिक शिक्षक स्वास्थ्य अनुदेशकों के एक बड़े पी आई एल की सुनवाई हुई अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि हाई कोर्ट पटना ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि एस टीईटी और शारीरिक शिक्षा स्वास्थ्य अनुदेशक का नोटिफिकेशन एक साथ जारी हुआ । एस टीईटी अभ्यर्थियों के नोटिफिकेशन में 45% अंक पर पिछड़ा और अति पिछड़ा पुरुष वर्ग अभ्यर्थियों को 45 प्रतिशत पर उत्तीर्ण किया गया और वही शारीरिक शिक्षक स्वास्थ्य अनुदेशकों को आरक्षण का लाभ न देते हुए सामान्य वर्ग की तर्ज पर 50% अंक के कट ऑफ पर उत्तीर्ण किया गया जो कि पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के आरक्षण नीति के साथ खिलवाड़ है । एसे में चीफ जस्टिस की बेच में केस संख्या CWJC19611/21 की सुनवाई करते हुए विभाग को आरक्षण नीति का पालन करते हुए संसोधित परीक्षा फल पुनः प्रकाशित करने का निर्देश दिया ज्ञात हो कि इस से पहले पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों द्वारा पिछड़ा और अति पिछड़ा आयोग में भी वाद दायर की गईं थी। आयोग ने भी आरक्षण नीति के साथ खिलवाड़ को गलत बताया था और विभाग को आदेश दिया था की आरक्षण का पालन करते हुए 45% अंक वे पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के पुरुष अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण किया जाए पर विभाग ने संज्ञान नही लिया । अंततः   अभ्यर्थियों द्वारा बड़ा PIL पटना हाई कोर्ट में दाख़िल किया गया और आज बड़ी सुनवाई के बाद बड़ा आदेश  आया । 

              इसके साथ ही एस टीईटी नोटिफिकेशन के साथ खिलवाड़ के ख़िलाफ़ दायर जनहित याचिका की CWJC 19164 की सुनवाई में भी शिक्षा विभाग को फटकार लगी । हाई कोर्ट ने पूछा कि जब नोटिफिकेशन में एस टीइटी अंक प्रतिशत के आधार पर मैरिट बनाने की बात लिखी गई है तो तो नोटिफिकेशन के साथ खिलवाड़ क्यों  इस पर विभाग के अधिवक्ता ने जवावी हलफनामा दायर करने को 4 सप्तहा का समय मांगा है केस की अगली सुनवाई 17 फरवरी 22 को निर्धारित की गई है । 

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