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Showing posts from January, 2020

NIOS डीएलएड केस जजमेंट हाई कोर्ट के वेबसाइट पर उपलोड C TET 2019 अभ्यर्थियों को बिहार शिक्षक बहाली में मौका

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NIOS डीएलएड केस फैसले का जजमेंट हाई कोर्ट के वेबसाइट पर उपलोड हुआ । बिहार शिक्षक बहाली में मौका मिलना तय । जजमेंट में साफ लिखा है कि सभी को बिहार शिक्षक बहाली में आवेदन करने को मौका मिलेगा और आवेदन के लिए 30 दिनों का समय भी अभ्यर्थियों को देने की बात है । एसे में जजमेंट शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को जजमेंट की कॉपी NIOS डीएलएड अभ्यर्थियों द्वारा सौपी गयी है । अब आखरी निर्णय शिक्षा विभाग को लेना है कि इस मुद्दे पर क्या निर्णय लेती है । बहाली प्रकिरिया अगर फिर से सुरु होती है तो दिसंबर 2019 माह के सी टीईटी पास अभ्यर्थियों को भी ये बड़ा मौका मिलेगा की वो शिक्षक बहाली में भाग ले सके । अभ्यर्थियों के प्रतिनिधि पप्पू यादव से हम ने इस मुद्दे पर बात चीत की और उनका साफ कहना है कि मौका सभी को मिलेगा और जल्द बहाली सुरु करवाने के लिए शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों से संपर्क किया जा रहा है इस संबंध में । 

S TET 2019 झूठा मैसेज वायरल परीक्षा स्थगन का सावधान अभ्यर्थी

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एस टीईटी 2019 परीक्षा 28 जनवरी 2019 को होने वाली है । परीक्षा स्थगन का झूठा मैसेज व्हाट्सएप पर वायरल हो रहा है । इस से पहले ही एसा ही मैसेज बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा और अन्य परीक्षा के संबंध में वायरल हुआ था । मैसेज की पड़ताल शिक्षा सुधार रोजगार द्वारा किया गया तो ये मैसेज फर्जी निकला । पिछले दिनों शिक्षा विभाग के अपर सचिव आर के महाजन ने भी एसे मैसेज फैलाने वालों पर कार्यवाही की बात की थी । अभ्यर्थियों से निवेदन है किसी भी भ्रम भ्रांति में न रहे । परीक्षा अपने निर्धारित समय सारणी से 28 जनवरी को सम्पन होगी ।

S TET केस की अब होगी सुनवाई पटना हाई कोर्ट में वकीलों की हड़ताल खत्म

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कई दिनों से चल रही पटना हाई कोर्ट में वकीलों की हड़ताल अब खत्म हो गई है । अब एस टीईटी 2019 (शारिरिक शिक्षा स्वास्थ्य अनुदेशक) उम्र सीमा विवाद केस की सुनवाई अब संभव होगी । साथ में बिहार टीईटी 2017 गलत प्रश्नों के बदले अंक मुद्दे के केस की सुनवाई भी हो पाएगी । नई व्‍यवस्‍था के खिलाफ पटना हाईकोर्ट के वकील गुरुवार से हड़ताल पर चले गए थे. हड़ताल पर जाने का निर्णय पटना हाईकोर्ट के तीनों अधिवक्‍ता संघों ने संयुक्‍त रूप से लिया था. हाईकोर्ट के तीनों अधिवक्ता संघों द्वारा गुरुवार आपातकालीन बैठक की गई थी. समन्वय ने निर्णय लिया कि मुकदमों की जटिल कार्यसूची में अनेक प्रकार की कठिनाई हो रही है. हर दिन वकीलों को मामले की सुनवाई में माथा-पच्ची करनी पड़ती है. हालांकि, इन बातों को लेकर मुख्य न्यायाधीश को कई बार जानकारी दी गई. बैठक के तुरंत बाद वकीलों ने भोजनावकाश के बाद बैठे जजों की अदालत में काम करने से इनकार कर दिया था. जजों की न्यायकक्ष में घुस कर समन्यवय समिति ने बताया था कि मामले की सुनवाई में उन्हें कितने तरीके की मुसीबत उठानी पड़ रही है.